24 कुंड और रामेश्वरम मंदिर का रहस्य

22 कुंड और रामेश्वरम मंदिर का रहस्य

रामेश्वरम मंदिर हिंदुओं के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक स्थान है। यह पवित्र तीर्थस्थल तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। भारतीय धर्मग्रंथों में बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम यात्रा का अपना ही महत्व है। यह तीर्थ हिंदुओं के चार धामों में से एक प्रमुख है। इसके अलावा मंदिर में स्थापित शिवलिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक शिवलिंग माना जाता है। इस मंदिर को रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं। यह भगवान शिव का एक हिन्दू मंदिर है जो देशभर में प्रसिद्ध मंदिर है। रामेश्वरम में हर साल लाखों श्रृद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है। शिवलिंग के रूप में इस मंदिर में मुख्य भगवान श्री रामनाथस्वामी को माना जाता है।
तामिळनाडू राज्य के रामेश्वरम मंदिर का रहस्य मे एक बात है। ये भी महत्वपूर्ण है, कि भारत के तामिळनाडू राज्य के रामेश्वरम मंदिर एक द्वीप पर मौजूद है। और इसके आसपास कुल मिलाकर ६४ तीर्थस्थल है । स्कंद पुराण के अनुसार इन मे से कुल 24 हे तीर्थस्थळ महत्त्वपूर्ण तीर्थ मे आते है। रामेश्वरम तीर्थ पर नहाना काफी शुभ माना जाता है। तीर्थ को प्राचीन भी माना गया है, और ये बहुत समय से काफी प्रसिद्ध भी है। इनमे इसे 24 तीर्थ को केवल रामनाथ स्वामी मंदिर के भीतर ही मौजूद है। 24 नंबर की संख्या को भगवान की 24 तीर तरकशो के समान माना जाता है। मंदिर के पहले और सबसे मुख्य तीर्थ को भी अग्नितिर्थ नाम दिया गया है।
रामेश्वरम मंदिर के परिसर में ही भीतर 24 कुॅंओ यांनी कुंड का निर्माण कराया गया था। जिनको तीर्थ कहा गया है। इन कुंडो के जल के स्नान करने का भी विशेष महत्त्व बताया गया है। इनका जल मीठा है, और ये जल पीने योग्य भी है। मंदिर के बाहर भी बहुत से कुॅंओ बने है। किन तो उन सभी कुंडो का जल बहुत खारा है। मंदिर में जो यांनी परिसर के भीतर मे जो कुॅंओ है । उनसे संबंध मे ऐसी प्रसिद्धी है, कि ये कुॅंओ बनाये है। वो भगवान श्रीराम ने अपने अमुक बानों के द्वारा बना के तयार किये थे। भगवान श्रीराम ने अनेक तीर्थो का जल मंगा कर उनको हो मे डाला था। जिसके कारण कुॅंओ को आज भी तीर्थ ही कहा जाता है।

जिनके नाम इस प्रकार से है।
गंगा, यमुना ,शंख ,चक्र, कुमुद ,गया, आदी रामेश्वरम मे कुछ अन्य भीदर्शने तीर्थस्थळ मौजूद है ।

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